ज्ञानवापी मामले से जुड़ी एएसआई की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। इसके मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में मंदिर की संरचना मिली है। हालांकि, मामले को अभी 1991 के पूजा स्थल कानून की परीक्षा से गुजरना होगा।
मामले से जुड़ी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है। गुरुवार देर शाम जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। इसके मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में मंदिर की संरचना मिली है। इस पर हिंदू पक्ष ने अपनी जीत बताते हुए कहा है कि सर्वे रिपोर्ट से साफ हो गया कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई। अब हिंदुओं को पूजा-पाठ की अनुमति मिलनी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ से मुस्लिम पक्ष ने कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने की घोषणा की है।
अभी ज्ञानवापी परिसर को लेकर क्या रिपोर्ट आई है?
बुधवार 24 जनवरी को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाया, जिसमें वादी पक्ष को सर्वें रिपोर्ट दिए जाने का आदेश दिया गया। वहीं अगले ही दिन यानी 25 जनवरी को रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में मंदिर की संरचना मिली है।
एएसआई रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था। सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं। पक्षकारों ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है, वह 839 पेज की है। पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का हिस्सा है। इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। जो स्तंभ मिले हैं, वो हिंदू मंदिर के हैं। उसका दोबारा इस्तेमाल किया गया है। देवनागरी, ग्रंथा, तेलुगु और कन्नड़ भाषा में लिखे शिलालेख भी मिले हैं। जनार्दन, रुद्र और विश्वेश्वर के शिलालेख भी प्राप्त हुए हैं। एक जगह महामुक्ति मंडप लिखा है। यह महत्वपूर्ण साक्ष्य है।
एएसआई के मुताबिक मंदिर 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया था। इसकी तिथि 2 सितंबर 1969 हो सकती है। मंदिर के जो पिलर थे, उन्हीं का इस्तेमाल मस्जिद बनाने के लिए किया गया। तहखाने में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। अयोध्या की तरह ही मस्जिद से पहले मंदिर का स्ट्रक्चर मिला है।